राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा चुनाव में झामुमो गठबंधन के लिए मंईयां सम्मान योजना और कल्पना सोरेन के प्रचार अभियान ने गेम चेंजर का काम किया। चुनाव से ठीक दो महीने पहले राज्य सरकार ने महिलाओं के खाते में 1 हजार की राशि भेजी। जबकि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन के तौर पर झामुमो को एक नया नेता मिला। वहीं इस बार BJP महिला मोर्चा की प्रदेश कमेटी की ज्यादातर नेता टेबल पॉलिटिक्स में व्यस्त दिखीं।
कल्पना के 5 दांव जहां फंस गई BJP
- कल्पना सोरेन ने पति हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को आदिवासियों के शोषण से जोड़ दिया
- कल्पना सोरेन ने इसे आदिवासियों के स्वाभिमान का मुद्दा बना दिया
- कल्पना ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए जोरदार प्रचार अभियान चलाया
- कल्पना के भाषण में आदिवाली महिलाओं का मुद्दा भी खुब रंग पकड़ा
- कल्पना सोरेन ने अधिकांश समय योजनाओं को गिनवाया
भाजपा महिला मोर्चा ने कर दी कई सारी गलतियां
- भारतीय जनता पार्टी के पास एक संगठित महिला मोर्चा है। इसमें 15 के करीब प्रदेश पदाधिकारी और 100 के करीब कार्यसमिति सदस्य हैं।
- कहने को तो यह पार्टी का मुख्य मोर्चा है, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान महिला मोर्चा की प्रमुख नेता प्रदेश कार्यालय में ही डायरी और फोन कान में लगाए घूमती रहीं।
- भाजपा ने महिला मतदाताओं से कनेक्ट के लिए गोगो दीदी योजना के तहत प्रतिमाह 2100 रुपए देने का वादा किया।
- इसके लिए महिलाओं से फार्म भी भरवाए गए, लेकिन महिला मोर्चा इस काम में भी दर्शक ही बना रहा।
- प्रदेश महिला मोर्चा में सक्रिय एक नेता ने बताया कि गोगो दीदी योजना के प्रचार प्रसार के लिए महिला मोर्चा को प्रति विधानसभा 1 लाख यानि कुल 81 लाख की राशि मिली।
- लेकिन तीन पदाधिकारियों के अलावा इसके बारे में शायद ही किसी को जानकारी हो कि यह खर्च कहां हुए।
- इसके बावजूद महिला मोर्चा की कार्यकर्ता अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में जाकर प्रचार करती रहीं।
- महिला मोर्चा की एक कार्यकर्ता का दर्द है कि उपर की पदाधिकारी कांजीवरम और सिल्क की साड़ियां गिफ्ट में लेने में लगीं रहीं।
अपना बूथ तक नहीं बचा पाईं प्रदेश की पदाधिकारी
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